एक रेखा उस स्थान से गुजरती है जहाँ चुम्बकीय नमन का मान शून्य है, कहलायेंगी
आइसोक्लीनिक रेखा
एगोनिक रेखा
आइसोगोनिक रेखा
एक्लीनिक रेखा
पृथ्वी के चुम्बकीय ध्रुवों पर नमन कोण.....$^o$ होगा
चुम्बकीय याम्योत्तर के लम्बवत् तल में एक नमन सुई (चुम्बकीय सुई ) रहती है
सही सम्बन्ध है
(जबकि ${B_H} = $भू-चुम्बकीय क्षैतिज घटक; ${B_V}$ $=$ पृथ्वी की पूर्ण चुम्बकीय तीव्रता का ऊध्र्वाधर घटक $B = $ पृथ्वी की पूर्ण चुम्बकीय तीव्रता)
एक उर्ध लंबे तार में $5.0 \,A$ की स्थाई (steady) धारा प्रवाहित है | तार के एक लम्बवत तल में इससे $10 \,cm$ दूर और इसके दक्षिण में एक संवेदनशील चुम्बकीय दिवसूचक रखा है|इस दिवसूचक में पूर्व से $60^{\circ}$ उत्तर ($60°$ north of east) का विक्षेपण पाया जाता है |पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक का मान क्या होगा ? (मुक्त आकाश की पारगम्यता $\left.=4 \pi \times 10^{-7} \,N / A ^2\right)$
किसी छोटे से दंड चुम्बक को पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के चुम्बकीय याम्योत्तर में इस प्रकार रखा गया है कि उसका उत्तर ध्रुव, उत्तर की ओर है। इसके कारण चुम्बक के मध्यबिन्दु से पूर्व-पश्चिम दिशा में खींची गई सरल रेखा पर, उदासीन बिन्दु प्राप्त होते हैं, जिनकी चुम्बक से दूरी $30\; cm$ है। तो, चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण $\left( Am ^{2}\right.$ में होगा लगभग :
(दिया है, $\frac{\mu_{0}}{4 \pi}=10^{-7} SI$ मात्रक में तथा $B _{ H }=$ पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $=3.6 \times 10^{-5}\;Tesla$.)