एक $20\,F$ के संधारित्र को $5\,V$ तक आवेशित करके बैटरी से अलग कर दिया जाता हैं। फिर इसे $30\,F$ के एक अनावेशित संधारित्र के समान्तर क्रम में जोड़ते हैं। इस निकाय की .........$J$ ऊर्जा में कमी होगी
$25$
$200$
$125$
$150$
$4$ $\mu\,F$ धारिता वाले संधारित्र को $400\, V$ से आवेशित करके इसकी प्लेटों को एक प्रतिरोध द्वारा आपस में जोड़ देते हैं। प्रतिरोध में उत्पन्न ऊष्मा ........$J$ होगी
$60 pF$ धारिता के एक संधारित्र को $20 V$ के स्त्रोत से पूरा आवेशित किया जाता है। तत्तपश्चात् इसे स्त्रोत से हटाकर $60 pF$ के एक दूसरे अनावेशित संधारित्र से पार्श्व संबंधन (parallel connection) में जोड़ा जाता है। जब आवेश पूरी तरह से दोनों संधारित्रों में वितरित हो जाये तो इस प्रक्रिया में स्थिर वैधुत ऊर्जा की क्षति $nJ$ में होती है।
एक संधारित्र का उपयोग $1200$ वोल्ट पर $24\, watt$ $×$ $hour$ ऊर्जा संचित करने के लिये किया जाता है। संधारित्र की धारिता होनी चाहिए
एक $10\,pF$ धारिता के संधारित्र को $50\, V$ बैटरी से जोड़ा गया है। संधारित्र के अन्दर संचित विद्युत स्थितिज ऊर्जा होगी
एक समांतर पट्टीकीय संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी $d$ और प्लेटों का अनुप्रस्थ परिच्छेदित क्षेत्रफल $A$ है। इसे आवेशित कर प्लेटों के बीच का अचर विधुतीय क्षेत्र $E$ बनाना है। इसे आवेशित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा होगी