ह्यूगो डी व्रीज ने ‘उत्परिवर्तनवाद’ का सिद्धांत जिन प्रयोगों के आधार पर दिया वे किये गये
अलथिया रोजिया पर
पाइसम सेटाइवम पर
ड्रोसोफिला मेलानोगेस्टर पर
ओइनोथेरा लैमार्किआना पर
एक नर फ्रूट फ्लाय जो लिंग-सहलग्न जीन के लिये हिटरोजायगस है, जब सामान्य मादा फ्रूट फ्लाय से मेटिंग करती है तो नर का विशिष्ट क्रोमोसोम अण्डकोश में किस अनुपात में प्रवेश करेगा
उपार्जित लक्षण वंषानुगत होते हैं, इसका समर्थन करने वाला निम्न में से कौन था
मनुष्य में लिंग सहलग्नता की वंशानुगति मुख्यत: होती है
क्राई-डु-चैट सिंड्रोम का होना गुणसूत्र संरचना में जिस परिवर्तन के कारण होता है उसमें क्या निहित होता है
इपीस्टेटिक जीन का उदाहरण प्रदर्षित किया जाता है